आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में OpenAI का नया मॉडल ChatGPT-5 धमाकेदार एंट्री के साथ आया है। कंपनी का दावा है कि यह विशेषज्ञ जैसी तर्कशक्ति और इंसानों जैसी समझ रखता है। लेकिन लॉन्च के तुरंत बाद एक साधारण गणित गलती ने यह सवाल खड़ा कर दिया—क्या AI वाकई इंसानों से आगे निकल चुका है, या अभी भी उसमें सुधार की ज़रूरत है?
ChatGPT-5—विशेषज्ञ जैसा AI
OpenAI के CEO Sam Altman का कहना है कि GPT-5 ऐसा है जैसे किसी भी विषय का विशेषज्ञ आपके सामने बैठा हो।
- यह जटिल सवालों का हल इंसानों की तरह दे सकता है।
- कोडिंग, डेटा एनालिसिस और तर्कशक्ति में GPT-4 से कई कदम आगे है।
- नई “थिंकिंग मोड” सुविधा इसे गहराई से सोचने और सही समाधान देने में मदद करती है।
लेकिन एक छोटी गणित गलती ने सब बदल दिया
लॉन्च के दिन GPT-5 से यह सवाल पूछा गया:
5.9 = x + 5.11
सही उत्तर: x = 0.79
GPT-5 का उत्तर: x = −0.21
यह एक साधारण दशमलव घटाने का सवाल था, लेकिन GPT-5 ने गलत जवाब दिया। विशेषज्ञों के अनुसार, यह “reasoning slip” का नतीजा था—AI गणित को चरणबद्ध तरीके से इंसानों की तरह नहीं, बल्कि पैटर्न के आधार पर हल करता है।
थिंकिंग मोड—AI को और स्मार्ट बनाने की कोशिश
GPT-5 में जोड़ा गया थिंकिंग मोड कठिन सवालों को गहराई से हल करने में मदद करता है।
- सामान्य मोड: GPT-4 के मुकाबले 45% कम गलतियां।
- थिंकिंग मोड: 80% तक गलतियां कम, लेकिन 100% परफेक्ट नहीं।
कौन-कौन से वर्ज़न उपलब्ध हैं?
GPT-5 तीन वेरिएंट में आता है:
- मिनी (Mini) — हल्का और तेज़, कम संसाधन उपयोग के लिए।
- रेगुलर (Regular) — सभी यूज़र्स के लिए डिफ़ॉल्ट।
- प्रो (Pro) — सबसे तेज़ और उन्नत, $200 (लगभग ₹16,700) प्रति माह।
क्या AI इंसानों से आगे है?
GPT-5 निस्संदेह अब तक का सबसे उन्नत चैटबॉट है—तेज़, समझदार और कम गलतियां करने वाला। लेकिन यह छोटी गलती बताती है कि AI अभी भी इंसानों की सूक्ष्म समझ और रचनात्मक सोच से पीछे है। सही परिणाम पाने के लिए इसे साफ़ और चरणबद्ध निर्देश देने ज़रूरी हैं।
Conclusion
AI तेजी से आगे बढ़ रहा है, और GPT-5 इसका बेहतरीन उदाहरण है। लेकिन एक साधारण गलती यह साबित करती है कि इंसानों की तरह सोचने और महसूस करने की क्षमता में AI को अभी लंबा सफर तय करना है।