फर्जी अफवाहों से निपटें – 2025 में होने वाले वास्तविक सूर्य ग्रहणों और भारत पर उनके प्रभाव के बारे में जानें
इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि सदी का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण 2 अगस्त 2025 को लगेगा। लेकिन ज्योतिष और पांडित्य की विश्वसनीय जानकारी से यह स्पष्ट हो गया है कि यह दावा फर्जी है। आइए जानते हैं कि 2025 में सूर्य ग्रहण असल में कब लगेगा, भारत में क्या दिखाई देगा और धार्मिक दृष्टि से इसका क्या महत्व है।
1. 2 अगस्त 2025 को सूर्य ग्रहण नहीं लगेगा
कई स्त्रोतों में यह दावा किया गया कि 2 अगस्त को सूर्य ग्रहण होने वाला है और वह “सदी का सबसे लंबा ग्रहण” होगा—लेकिन यह तारीख वास्तव में 2027 की है, न कि 2025 की।
भारतीय पंचांग और सरकारी खगोल विज्ञान स्रोतों में 2 अगस्त 2025 पर कोई ग्रहण दर्ज नहीं है; कोई “सूतक काल” भी लागू नहीं होगा।
References: AajTak, Navbharat, The Times of India, Indiatimes
2. मूल ग्रहण तिथियाँ – मार्च और सितंबर 2025 में
साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च 2025 को हुआ — यह एक आंशिक ग्रहण था और भारत में दिखाई नहीं दिया।
दूसरा ग्रहण 21 सितंबर 2025 को होगा — आंशिक या ‘annular’ (ring-of-fire) प्रकार का, लेकिन भारत में यह भी दिखाई नहीं देगा; इसलिए सूतक काल या धार्मिक प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।
References: Moneycontrol, The Indian Express, The Economic Times, Jagranjosh.com, Time and Date
3. धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण
जब ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देता, तब भी सोशल मीडिया पर धार्मिक अफवाहें फैल सकती हैं—जैसे रक्षाबंधन से पहले ग्रहण की बातें। लेकिन खगोलीय और पंचांग आधारित जानकारी इसे स्पष्ट तौर पर निराधार सिद्ध करती है।
ऐसे मामलों में वैज्ञानिक प्रमाण और पंचांग दोनों का सहारा लेना सर्वोत्तम होता है।
सूर्य ग्रहण कब है?
2025 में केवल दो ग्रहण होंगे:
29 मार्च — आंशिक (भारत में नहीं देखा गया)
21 सितंबर — आंशिक/आनुलर (भारत में नहीं दिखाई देगा)
ध्यान रखें: 2 अगस्त को कोई ग्रहण नहीं होगा; यह भ्रम केवल अफवाह है।
इससे धार्मिक भ्रम और अनुचित सावधानियों से बचा जा सकता है।